धर्म आधारित जनगणना जारी, 10 साल में देश में हिंदुओं की संख्या घटी
Publish Date:25-Aug-2015 23:13:07
नयी दिल्ली। लंबे विवाद के बाद अब केंद्र सरकार ने जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जारी कर दिया है। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले अपना वादा पूरा करते हुए मोदी सरकार ने धर्म आधारित आंक़ड़े को जारी कर दिया है। धर्म आधारित जनगणना के मुताबिक देश में मुसलमानों की तादाद सबसे तेजी से बढ़ रही है, जबकि हिंदुओं की जनसंख्या की वृद्धि दर दूसरे नंबर पर है।
क्या कहती है धर्म आधारित जनगणना साल 2001 से 2011 के दशक में ये जनगणना की गई। इस जनगणना के मुताबिक इस दशक में देश की कुल आबादी 17.7 फीसदी के रफ्तार से बढ़ी है। मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या इस दौरान सबसे तेजी से 24.6 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी है। हिंदुओं की जनसंख्या में बढ़ोतरी 16.8 फीसदी रही है। ईसाई समुदाय की जनसंख्या 15.5 फीसदी की दर से बढ़ रही है। सिख समुदाय की जनसंख्या तीसरी सबसे बड़ी जनसंख्या है, जबकि वृद्धि दर के लिहाज से यह 8.4 फीसदी के साथ चौथे नंबर पर है। सिखों के बाद देश में सबसे तेजी से बढ़ने वाली जनसंख्या बौद्धों की है। जैन धर्म के लोगों की संख्या भी 5.4 फीसदी के दर से बढ़ रही है।