03-Jun-2024

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कांग्रेस ने शुरू की सुनिश्चित हार के बहानों की तलाश, -अपने अस्तित्व को बचाने की जद्दोजहद में लगी कांग्रेस- सिसौदिया

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नेताओं की हताशा बता रही, कांग्रेस पार्टी ने स्वीकार की अपनी हार - यशपाल सिंह सिसौदिया
भोपाल,  कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी द्वारा पत्रकार वार्ता में भाजपा पर लगाए गए आरोपों को कांग्रेस की हताशा बताते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व विधायक श्री यशपाल सिंह सिसौदिया ने सभी आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस नेताओं की हताशा से यह स्पष्ट हो जाता है कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव में परिणाम के पहले ही अपनी सुनिश्चित हार को स्वीकार कर लिया है और इस हार के लिए बहानों की तलाश शुरू कर दी है। लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस का अस्तित्व समाप्त होने जा रहा है और पार्टी ने उसे बचाने की जद्दोजहद शुरू कर दी है।
यशपाल सिंह सिसौदिया ने कहा कि भाजपा पर आरोप लगाने वाले कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को भाजपा पर आरोप लगाने से पहले 2018 के विधानसभा चुनाव और उसके बाद बनी कमलनाथ सरकार के कारनामों को याद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक मशीनरी का किस तरह दुरुपयोग किया जा सकता है, इसकी मिसाल 15 महीनों की कमलनाथ सरकार ने प्रस्तुत की थी। वहीं, भाजपा पर वादे पूरे न करने का आरोप लगाने वाले इन नेताओं को यह भी याद रखना चाहिए कि 2018 में कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश के किसानों, महिलाओं, युवाओं और अन्य वर्गों से जो वादे किए थे, उनका क्या हश्र हुआ था। श्री सिसौदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश सरकार ने अपने 100 दिनों के कार्यकाल में ही अनेक घोषणाओं को पूरा कर दिया था और आचार संहिता हटने के बाद अन्य वादों की पूर्ति की दिशा में भी काम किया जाएगा।
सिसौदिया ने कहा कि भाजपा पर धन-बल के दुरुपयोग का आरोप लगाने वाले कांग्रेस के नेताओं को शायद यह पता नहीं है कि लोकसभा चुनाव के पहले चरण के दौरान ही छिंदवाड़ा में कांग्रेस के नेता रुपये बांटते हुए पकड़ाए थे, जिन पर एफआईआर भी की गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान जनता को कांग्रेस की नीयत के प्रति आगाह किया था, क्योंकि 2018 में बनी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने सत्ता में आते ही जनहित की उन सभी योजनाओं पर रोक लगा दी थी, जिन्हें भाजपा सरकार ने शुरू किया था और इन योजनाओं के बंद होने से प्रदेश के करोड़ों हितग्राहियों को परेशान होना पड़ा था। श्री सिसौदिया ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान अगर किसी पार्टी ने जाति और धर्म के आधार पर लोगों को बांटने का प्रयास किया है, तो वह कांग्रेस ही है। कांग्रेस पार्टी और इंडी गठबंधन के उसके सहयोगियों ने कहीं जातिगत जनगणना की बात की, तो कहीं अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के लिए आरक्षण का वादा किया।
सिसौदिया ने कहा कि कांग्रेस की स्थिति एक डूबते हुए जहाज की तरह है, जिसका कोई भविष्य नहीं है। इस स्थिति को भांपकर ही बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं और यह सिलसिला लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अभी तक अपनी हर हार का दोष ईवीएम को देती रही है, लेकिन माननीय सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के संबंध में अपने आदेश से स्थिति स्पष्ट करके कांग्रेस से यह बहाना भी छीन लिया है। इसलिए कांग्रेस के नेता घबराए हुए हैं और अपनी सुनिश्चित हार को ढंकने के लिए भाजपा पर मनगढ़ंत आरोप लगाकर बहाने तलाश रहे हैं।
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