भारत-पाक युद्ध 1965- जब लाल बहादुर शास्त्रीजी खुद धोते थे कपड़े, नहीं लेते थे सैलरी
Publish Date:28-Aug-2015 18:47:41
लखनऊ। भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 के युद्ध को आज 50 साल हो गये हैं। उस युद्ध में भारत ने पाक सेना को बुरी तरह से मात दी थी। लेकिन उस जीत के पीछे खुद तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का बड़ा योगदान है।
यूं तो सेना सीमा पर लड़ती है लेकिन देश के भीतर लोगों में देश के लिए जज्बे को बढ़ाना और उन्हें देश के लिए प्रेरित करना एक सच्चे नेता की निशानी होती है। इस विधा में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री एक सच्चे राजनेता था। लाल बहादुर शास्त्री ने जहां लोगों से हफ्ते में एक बार व्रत रखने की अपील की वहीं खुद सबसे पहले व्रत रखना शुरु कर दिया था। यही नहीं शास्त्रीजी ने खुद के खर्चों में बेहद कमी कर दी थी।
खुद धोते थे कपड़े, साफ करते घर लाल बहादुर शास्त्री ने घर में आने वाली बाई आती थी उसे आने से मना कर दिया और खुद ही अपने कपड़ धोने शुरु कर दिये थे। शास्त्रीजी ने बाई को यह कहते हुए नहीं आने को कहा कि देश हित के लिए मैं इतना खर्चा नहीं कर सकता। जिस वक्त लाल बहादुर शास्त्रीा जी ने बाई को आने से मना किया था उस वक्त उनकी पत्नी ललिता देवी काफी बीमार रहा करती थी।
शास्त्री जी ने खुद ही अपने कपड़े धोने शुरु कर दिये। यही नहीं घर की सफाई भी वह स्वयं करते थे। भारत-पाक 1965 का युद्ध- जब प्रधानमंत्री ने छोड़ दिया था खाना बच्चे का अंग्रेजी का ट्यूटर हटा दिया लाल बहादुर शास्त्री जी ने ना सिर्फ बाई को आने से मा कर दिया बल्कि उनके बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाने वाले ट्यूटर को भी आने से मना कर दिया। उस वक्त जब ट्यूटर ने कहा कि आपका बच्चा अंग्रेजी में फेल हो जाएगा तो उन्होंने कहा कि देश के हजारो बच्चे अँग्रेजी मे ही फेल होते है तो इसी भी होने दो। अगर अंग्रेज हिन्दी मे फेल हो सकते है तो भारतीय अँग्रेजी मे फेल हो सकते हैं । ये तो स्वाभाविक है क्यूंकि अंग्रेजी अपनी भाषा नहीं है।
नहीं लेते थे सैलरी शास्त्री जी के त्याग और बलिदान की कहानी यही नहीं खत्म होती है। शास्त्री जी ने खुद के लिए धोती खरीदने से भी इनकार कर दिया था। उन्होने अपनी पत्नी को फटी हुई धोती को सिल देने को कहा। शास्त्री जी ने उस वक्त वेतन लेना भी बंद कर दिया था।