18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत होते ही सदन में भाषाई विविधिता देखने को मिली। दरअसल नवनिर्वाचित सांसदों ने संस्कृत, हिंदी, डोगरी, बंगाली, असमिया और उड़िया और अंग्रेजी भाषाओं में शपथ ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘जय श्री राम’ के नारों के बीच हिंदी में शपथ ली। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी, दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हिंदी भाषा में शपथ ली।
धर्मेंद्र प्रधान ने उड़िया, सुरेश गोपी ने मलयालम भाषा में ली शपथ
ओडिशा के संभलपुर से सांसद और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उड़िया भाषा में शपथ ली। जैसे ही धर्मेंद्र प्रधान ने शपथ लेना शुरू किया तो विपक्षी सांसदों ने ‘नीट-नीट’ के नारे लगाए। बता दें कि देशभर में नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर बवाल मचा हुआ है। केरल से निर्वाचित होने वाले पहले भाजपा सांसद सुरेश गोपी ने भी 18वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। मलयालम भाषा में शपथ लेने से पहले उन्होंने भगवान को याद करते हुए ‘कृष्णा गुरुवायुरप्पा’ कहा। बता दें सुरेश गोपी पर्यटन और पेट्रोलियम राज्य मंत्री हैं। उन्होंने केरल के त्रिशूर निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी।
किस सांसद ने किस भाषा में ली शपथ?
विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने संस्कृत भाषा में शपथ ली। नाइक ने उत्तरी गोवा निर्वाचन क्षेत्र से छठी बार जीत हासिल की थी।
केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने बंगाली भाषा में शपथ ली।
पुणे से सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने मराठी भाषा में शपथ ली।
जम्मू कश्मीर की उधमपुर लोकसभा सीट से सांसद और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने डोगरी भाषा में शपथ ग्रहण की।
केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल असमी भाषा और केंद्रीय मंत्री राममोहन नायडू ने तेलगू भाषा में शपथ ली।
केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने और प्रह्लाद जोशी ने कन्नड़ भाषा में शपथ ली।
कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने तेलगू भाषा में शपथ ली।
साभार- अ उ