भोपाल, मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती विभा पटेल ने शनिवार को मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल के एक ताजा फैसले पर सवाल खड़ा किया है। श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि सरकारी रिक्त पदों की भर्ती परीक्षा में अब 2 एजेंसियों को नियुक्त करने का निर्णय अव्यवहारिक है। उन्होंने कहा कि एक एजेंसी ऑनलाइन परीक्षा कराएगी तो दूसरी एजेंसी एग्जाम कराने वाली एजेंसी पर निगरानी रखेगी। ये काफी हास्यास्पद है। करीब 200 करोड़ रुपए की बर्बादी है। इसमें उन्हें अनियमितता होने का संदेह है।
श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि अभी मध्यप्रेदश कर्मचारी चयन मंडल में संचालक, परीक्षा नियंत्रक समेत विभिन्न संवर्ग के 120 से ज्यादा अधिकारी एवं दर्जनों कर्मचारी है। इनसे काम लेने और इनकी जवाबदेही तय करने के बदले नया फार्मूला सफल नहीं हो पाएगा क्योंकि एजेंसी की निगरानी करने एक ओर एजेंसी तय करने का अर्थ गड़बड़ी करने वालों को पिछले दरवाजे से अवसर देना। उन्होंने कहा कि अगर निगरानी एजेंसी ने गड़बड़ी की तो इसका जिम्मा कौन लेगा। ये यक्ष प्रश्न है। किसी प्रकार की अनियमितता करने के बाद ये प्राइवेट एजेंसी भाग गई तो किसकी जवाबदारी होगी।
श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल हर साल 15-20 भर्ती परीक्षाओं का आयोजन कराता है। इसके चलते प्रश्न पत्र की छपाई, ओएमआर शीट एवं बायोमेट्रिक अटेंडेंस आदि को लेकर हमेशा से सवाल खड़े होते रहे हैं।
श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि कृषि विस्तार अधिकारी, शिक्षक भर्ती, पुलिस भर्ती, आयुर्वेद मेडिकल ऑफिसर भर्ती, डीमेट घोटाला, नर्सिंग कॉलेज घोटाला, पटवारी भर्ती परीक्षा, शिक्षक भर्ती घोटाला जैसी परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों की लंबी सूची होने से मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल संदेह के दायरे में है। इसकी साख भी अब छात्रों के बीच नहीं बची। भर्ती परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी से मध्यप्रदेश की बदनामी भी हुई और छवि भी बिगड़ी।
श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि यह अत्यंत दु:खद है कि वर्तमान स्थिति में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात, बिहार, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, असम, अरुणाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों में पिछले 5 साल में 41 भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए। यानी परीक्षा में पेपरलीक की महामारी सभी दूर है। नीट से लेकर अन्य भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी होने से स्टूडेंट परेशान हैं। तमाम दावे के बाद भी चाहे कोई भी राज्य हो, पेपर लीक और परीक्षा में धांधली का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा।
श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि अगली बार परीक्षा का पेपर लीक नहीं होगा इसकी गारंटी देने को कोई तैयार नहीं है। चाहे राज्यों में भर्ती परीक्षा हो या फिर दाखिले के लिए एग्जाम। हर छात्र को पेपरलीक और परीक्षा में धांधली का डर सताता रहता है, यानी पेपरलीक एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि डबल इंजन सरकार ऐसा कोई निर्णय नहीं लेगी कि छात्रों के हाथ निराशा लगे। उनके अंदर अविश्वास की भावना जन्म लें।