इंदौर, कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए अक्षय कांति बम और उनके पिता कांतिलाल बम के खिलाफ 17 साल पुराने बलवा और मारपीट के मामले में 22वें सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार शर्मा की कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। दोनों को इस केस में शुक्रवार यानी आज कोर्ट में पेश होना था लेकिन दोनों पेशी से गैरहाजिर रहे। कोर्ट ने 8 जुलाई तक दोनों को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए है।
बता दें कि कांग्रेस के इंदौर लोकसभा सीट से घोषित प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने इंदौर में पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख यानी 29 अप्रैल को अपना नॉमिनेशन वापस ले लिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे।
शुक्रवार को अक्षय बम की ओर से शहर से बाहर होने का आवेदन न्यायालय में दिया था, वही उनके पिता कांतिलाल बम ने दिल की बीमारी होने का आवेदन लगाया था। फरियादी युनुस उर्फ गुड्डू ने अक्षय बम के खिलाफ खजराना थाना क्षेत्र मामला दर्ज कराया था। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार शर्मा की 30 नंबर कोर्ट ने उनकी जमानत खारिज कर दी और गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अब 8 जुलाई से पहले पुलिस दोनों आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करेगी।
लोक अभियोजन अधिकारी अभिजीत राठौर के मुताबिक 2007 में यूनुस पटेल ने जमीनी विवाद को लेकर एक एफआईआर दर्ज करवाई थी, जिसमें 17 साल बाद धारा 307 बढ़ाई गई और आज धारा 307 पर सुनवाई होना थी। अक्षय बम और कांति लाल बम की तरफ से पिछले दिनों अग्रिम जमानत याचिका प्रस्तुत की गई थी जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया था।
दरअसल अक्षय कांति बम पर जमीनी विवाद में 4 अक्टूबर 2007 को यूनुस खान के ऊपर हमला करने, मारपीट और धमकाने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। उस समय यूनुस पर गोली भी चलाई गई थी, लेकिन खजराना पुलिस ने तब FIR में हत्या के प्रयास की धारा नहीं जोड़ी थी। जिस दिन अक्षय कांति ने इंदौर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा उसी दिन कोर्ट के आदेश पर 17 साल पुराने इस मामले में अक्षय बम पर आईपीसी की धारा 307 लगाई गई। उन्हें आज 10 मई को कोर्ट में पेश करने का आदेश भी दिया गया था लेकिन वे नहीं पहुंचे थे।