17-May-2024

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नियम विरूद्ध कर्मचारियों का संविलियन करने पर संयुक्‍त संचालक सहित कई अफसर संस्‍पेंड

राजकाज न्‍यूज, भोपाल

प्रदेश में नियम विरूद्ध 45 पंचायत कर्मियों को विभाग में संविलियन करने के एक मामले में मध्य प्रदेश नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आयुक्‍त ने सख्‍त कदम उठाते हुए नियुक्ति में गड़बड़ी का जिम्‍मेदार ठहराते हुए रीवा के संयुक्‍त संचालक सहित 12 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निलंबित कर दिया हैं।

नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने रीवा के संयुक्त संचालक आरपी सोनी ने बेटे आशीष सोनी समेत 49 संविदा और पंचायत कर्मियों का नियमित पदों पर नियम विरूद्ध संविलियन करा दिया था। यही नहीं, इन्हें शासन से नियमित कर्मचारी मानकर 2 करोड़ 5 लाख रुपये का वेतन भुगतान भी कर दिया। जब शिकायत आई और इस पर जांच शुरू हुई तब गड़बड़ी पकड़ी गयी। इस आधार पर नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आयुक्त भरत यादव ने सोमवार को रीवा के संयुक्त संचालक आरपी सोनी समेत 12 अधिकारी और पंचायत कर्मियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही नियोक्ता अधिकारियों को इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई करने के लिए कहा है। उक्त संविलियन आदेशों को भी निरस्त किया जा रहा है।

बता दें कि मुख्यमंत्री की घोषणा पर रीवा जिले की डभौरा को नगर परिषद बनाया गया था। यह मामला 2021 का है। इसके गठन के बाद डभौरा, अकोरिया, मगडौर, गेदुरहा, कोटा, पनवार और लटरिया में काम करने वाले 49 संविदा व मानदेय कर्मियों के फर्जी तरीके से नियमित पदों पर संविलियन के प्रस्ताव तैयार कराए गए। यह काम संयुक्त संचालक आरपी सोनी, चाकघाट के मुख्य कार्यपालिका अधिकारी संजय सिंह, गुढ़ के मुख्य कार्यपालिका अधिकारी केएन सिंह, नगर परिषद डभौरा के सहायक ग्रेड-1 मुनेंद्र कुमार पांडे, सहायक राजस्व निरीक्षक सतीश कुमार द्विवेदी, स्वच्छता उप निरीक्षक अंकुश सिंह बघेल, लेखापाल एमएल साकेत और सचिव सुशीला दीक्षित, रामराज सेन, कामता कोल, दिनेश पांडेय व परशुराम तिवारी ने किया था, जिन्हें निलंबित कर दिया है।
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