05-May-2024

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अवैध पटाखा फैक्‍ट्री ने ली अब तक 12 की जान, 100 से अधिक गंभीर एवं सामान्‍य घायल, फिर शुरू हुए धमाकों से देर शाम रूका रेस्‍क्‍यू

एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ ने संभाली रेस्‍क्‍यू जिम्‍मेदारी, 36 गंभीर घायल, आग के ढे़र में हो सकते ही कई लाशें, हरदा की दु:खद घटना में घायलों के इलाज के लिए की जा रही हरसंभव व्यवस्था - मुख्यमंत्री डॉ. यादव, मंत्री राव उदय प्रताप सिंह घटना स्थल के लिए हेलीकॉप्टर से रवाना, मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रूपए की सहायता तत्काल उपलब्ध कराई जाएगी, सचिव गृह करेंगे घटना की जाँच
राजकाज न्‍यूज, हरदा एवं भोपाल
मध्य प्रदेश के हरदा जिले में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हो गया। विस्फोट से आस पास के 60 से ज्यादा घरों में आग लग गई। जिससे शहर में चीख पुकार के साथ भगदड़ मच गई। हादसे में अब तक 12 से ज्यादा लोगों की मौत की सूचना है। हादसे के चलते कई लोगों की जान खतरे में आ गई है और मौत का आकंड़ा बढ़ता जा रहा हैं। मौके पर फायर बिग्रेड की टीम तैनात है और आग पर काबू पाने की कोशिश कर रही है। एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ ने भी मोर्चा संभाल रखा हैं। यह फैक्ट्री मगरधा रोड स्थित है। घायलों को एंबुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया है। भोपाल एवं इंदौर के लिये ग्रीन कारिडोर बना कर  36 गंभीर घायलों को इलाज के लिए भेजा गया हैं। मलबे में दबे हुए लोगों की अब बचने की संभावना बिलकुल नहीं है। देर शाम को काफी देर तक रेस्‍क्‍यू को रोकना भी पड़ा, क्‍योंकि रूक- रूक कर विस्‍फोट हो रहे है। देश की राष्‍ट्रपति एवं प्रधानमंत्री ने घटना की जानकारी ली हैं। ब्लास्ट इतने भीषण थे कि आसपास के मकान गिर गए।  
मामले की जानकारी मिलने पर मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव पूरे मामले पर निगाह बनाये हुए है। देर शाम को डॉ. यादव ने हमीदिया अस्‍पताल पहुंचकर इलाज की जानकारी ली। यादव घटना की जानकारी के बाद ही से सक्रिय है और मामले को लेकर पूरे प्रदेश के कमिश्‍नर्स एवं कलेक्‍टर्स से बात कर चुके है। हरदा कलेक्‍टर एवं एसपी सहित कमिश्‍नर से चर्चा कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री में एक के बाद एक 11 से 15 ब्लास्ट हुए हैं। फैक्ट्री में उस समय 250 से अधिक मजदूर काम कर रहे थे। कई किलोमीटर दूर तक भूकंप जैसे झटके महसूस किए गए। वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी हालात पर काबू करने की कोशिश कर रहे हैं। अवैध रूप से हजारों क्विंटल बारुद से दस किलोमीटर तक धमाका हुआ। हजारों परिवार सड़क पर आ गए। सड़क पर शव और घायल पड़े नजर आ रहे हैं। शहर में दहशत का मौहाल बना हुआ है।
हरदा शहर में मगरधा रोड़ पर मंगलवार सुबह अचानक पटाखा फैक्ट्री में आग लग गई। आग ने कुछ ही देर में विकराल रूप धारण कर लिया। जिससे आसपास के कई घर भी आग की चपेट में आने लगे। ऐसे में जहां दमकल की गाड़ियां आग बुझाने की कोशिश में आगे बढ़ रही हैं। वहीं दूसरी तरफ लोग अपनी जान बचाने के लिए घर छोड़ छोड़कर भागते नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि आसपास भी उन्हीं लोगों के घर हैं जो फैक्ट्री में काम करते हैं या फिर पटाखा बनाने का काम करते हैं। हरदा से भोपाल के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाया है। पटाखा फैक्टरी के घायलों को ग्रीन कॉरिडोर से भोपाल के हमीदिया अस्पताल और एम्स भोपाल लाने की तैयारी है। पटाखा फैक्टरी के विस्फोट में घायल कुछ लोगों को हरदा जिला अस्पताल से भोपाल रेफर किया गया है। हादसा इतना बड़ा है कि हरदा जिले की एंबुलेंस कम पड़ गई। नर्मदापुरम, भोपाल, इंदौर और खंडवा समेत सात जिलों से एंबुलेंस हरदा के लिए रवाना हुई। भोपाल और इंदौर के मेडिकल कॉलेजों के साथ ही भोपाल के एम्स और आसपास के जिलों के अस्पतालों को घायलों के इलाज के लिए तैयार रहने को कहा गया है।  
मुख्यमंत्री ने की आपात बैठक
हरदा में हुए हादसे को लेकर सीएम मोहन यादव ने दु:ख व्यक्त करते हुए आपातकालीन बैठक बुलाई है। इसी के साथ आसपास के कई जिलों से फायर बिग्रेड भी भिजवा दी गई है। ताकि आग पर काबु पाया जा सके। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने हरदा की घटना पर तुरंत एक्शन लेते हुए मंत्री उदय प्रताप सिंह, एसीएस अजीत केसरी, डीजी होम गार्ड अरविंद कुमार को हेलीकॉप्टर से हरदा जाने के निर्देश दिए हैं। ये तीनों दोपहर में ही वहां पहुंच गये और अभी वहीं है। मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। उन्होंने यह भी कहा कि हादसे में मारे गए लोगों के परिवार की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। उनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का खर्च भी सरकार ही उठाएगी। वहीं, आसपास के सात जिलों से फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस हरदा पहुंच गई हैं। भोपाल से गए अधिकारियों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। हरदा हादसे को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छिंदवाड़ा के प्रवास कार्यक्रम को रद्द कर दिया है।
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने जताया दुख 
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर दुख जताया है। राष्ट्रपति ने कहा कि हरदा में आग लगने से अनेक लोगों की मृत्यु होने का समाचार अत्यंत दुखद है। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहन संवेदना व्यक्त करती हूं। घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं। मोदी ने कहा कि जो घायल हुए हैं, उनके जल्द से जल्द सेहतमंद होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन सबको मदद पहुंचा रहा है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष से प्रत्येक मृतक के रिश्तेदार को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है।  
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने हरदा की घटना का संज्ञान लेते हुए मंत्री उदय प्रताप सिंह, एसीएस अजीत केसरी, डीजी होम गार्ड अरविंद कुमार को हेलीकॉप्टर से हरदा जाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में आपात बैठक बुलाई थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि घायलों को तत्काल उपचार उपलब्ध कराना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हरदा के आसपास के क्षेत्र से एंबुलेंस हरदा पहुंचाई जा रही हैं। इसके साथ ही हेलीकॉप्टरों की व्यवस्था के लिए सेना से संपर्क किया गया है। भोपाल, इंदौर में मेडिकल कॉलेज और एम्भोस पाल में  बर्न यूनिट को तैयारी रखने के निर्देश दे दिए गए हैं। होशंगाबाद में भी अस्पतालों में घायलों के उपचार के लिए व्यवस्था की गई है  होशंगाबाद सहित आसपास के क्षेत्र से 14 डॉक्टर तत्काल रवाना किए गए हैं। हरदा में 20 एम्बुलेंस मौजूद हैं तथा 50 और पहुंच गयी हैं। भोपाल इंदौर बैतूल, होशंगाबाद, भेरूंदा, रेहटी सहित अन्य नगरीय निकायों तथा संस्थाओं से फायर ब्रिगेड हरदा भेजे जा रहे हैं। बैठक में मुख्य सचिव वीरा राणा, पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान,  प्रमुख सचिव गृह संजय दुबे, प्रमुख सचिन नगरीय प्रशासन एवं विकास नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री राघवेंद्र सिंह तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हरदा की दुर्घटना के संबंध में मीडिया प्रतिनिधियों से की चर्चा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हरदा में हुई दुर्घटना के संबंध में मंत्रालय में मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा में कहा कि हरदा में दु:खद घटना घटी है, एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ है। अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार छह लोगों की मृत्यु हुई है और लगभग 50 लोग घायल हुए हैं। घटना की जानकारी प्राप्त होते ही सम्पूर्ण प्रशासनिक अमले को राहत कार्यों के लिए तत्काल सक्रिय किया गया। हरदा के लिए 50 से अधिक एंबुलेंस रवाना की गई हैं। भोपाल, इंदौर, होशंगाबाद सहित आसपास के नगरों के अस्पतालों में बर्न यूनिट तत्काल आरंभ करने के लिये व्यवस्था की जा रही है। मंत्री श्री राव उदय प्रताप सिंह, अपर मुख्य सचिव श्री अजीत केसरी तथा डीजी होमगार्ड को हेलीकॉप्टर से हरदा के लिए रवाना किया गया है। इसके साथ ही पुलिस बल भी भेजा गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि घटना के संबंध में भारत सरकार को भी अवगत कराया गया है, आग पर काबू पाना सर्वोच्च प्राथमिकता है। घायलों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी और उनका इलाज नि:शुल्क किया जाएगा। जिनकी मृत्यु हुई है, उनके परिजनों को चार लाख रूपए की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। घायलों का यथायोग्य इलाज कराने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। बाबा महाकाल सब पर कृपा करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम प्रयास करेंगे कि किसी भी हालत में घटना की पुनरावृत्ति न हो। घटना की जाँच के आदेश दिए गए हैं। गृह सचिव जाँच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। जल्द ही आग पर काबू पाया जाएगा। हम सब हिम्मत रखें, सरकार पूरी तरह सजग और मुस्तैद है। राहत और व्यवस्था बहाल करने के लिए सभी प्रकार के प्रबंध किए जा रहे हैं।
हरदा पटाखा फेक्ट्री अग्नि दुर्घटना के आपदा प्रबंधन के लिये समिति गठित
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर हरदा में हुई पटाखा फेक्ट्री में दुघर्टना के आपदा प्रबंधन के लिये तत्काल प्रभाव से 6 सदस्यीय समिति गठित कर दी है। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान समिति के अध्यक्ष हैं। समिति, हरदा नगरीय क्षेत्र के बैरागढ़ स्थित पटाखा फेक्ट्री एवं गोदाम में घटित अग्नि दुर्घटना के आपदा प्रबंधन (बचाव एवं राहत कार्य) के लिये आवश्यक प्रबंध करेगी।
समिति में अपर मुख्य सचिव धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण एवं विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु, जनजातीय अजीत केसरी, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीरज मंडलोई, महानिदेशक होमगार्ड अरविंद कुमार एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रबंध आलोक रंजन सदस्य हैं। प्रमुख सचिव गृह संजय दुबे सदस्य सचिव हैं।
प्रमुख सचिव गृह समिति के होंगे अध्यक्ष
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर हरदा में हुई पटाखा फेक्ट्री में विस्फोट की घटना की संपूर्ण जांच के लिए 03 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। प्रमुख सचिव गृह संजय दुबे समिति के अध्यक्ष होंगे। समिति के सदस्य अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुप्तवार्ता श्री जयदीप प्रसाद और सचिव लोक निर्माण विभाग श्री आर.के. मेहरा है।
समिति संपूर्ण घटना के कारणों की विस्तृत जांच आयुध अधिनियम के तहत विस्फोटकों का संधारण एवं मध्यप्रदेश औद्योगिक नियोजन (स्थायी आदेश) संशोधन अधिनियम 1961 के प्रावधानों के अनुरूप करेगी। समिति अपनी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट करेगी कि किन परिस्थितियों उक्त घटना घटित हुई? समिति को अपनी रिपोर्ट में घटना के प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जिम्मेदारी के निर्धारण का दायित्व भी सौंपा गया है। साथ ही इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए समिति अपनी अनुशंसायें भी देगी।
अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट मामले में हरदा जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। उसी लापरवाही की वजह से हरदा में इतना बड़ा हादसा हुआ है। इस अवैध फैक्ट्री का मालिक राजू अग्रवाल था, जिसका अवैध सम्राज्य ढाई एकड़ में फैला हुआ था। उस ढाई एकड़ जमीन के आसपास सैकड़ों लोग रहते थे। इसके बावजूद प्रशासन ने उन्हें फैक्ट्री चलाने की अनुमति दी थी। वहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि फैक्ट्री का मालिक राजू अग्रवाल सजायाफ्ता है।
फैक्ट्री मालिक राजू अग्रवाल कौन है...
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि दोनों फैक्ट्रियां बिना अनुमति के चल रही थी। इस फैक्ट्री में दो साल पहले भी एक हादसा हुआ था। उसमें भी तीन लोगों की मौत हुई थी। स्थानीय लोगों ने फैक्ट्री को लेकर चार-पांच बार कलेक्टर से भी शिकायत की थी। लेकिन प्रशासन ने उनकी शिकायतों को नजरअंदाज किया। उसी का नतीजा है कि एक बार फिर से बड़ा हादसा हो गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि दोनों फैक्ट्रियां बिना अनुमति के चल रही थी। इस फैक्ट्री में दो साल पहले भी एक हादसा हुआ था। उसमें भी तीन लोगों की मौत हुई थी। स्थानीय लोगों ने फैक्ट्री को लेकर चार-पांच बार कलेक्टर से भी शिकायत की थी। लेकिन प्रशासन ने उनकी शिकायतों को नजरअंदाज किया। उसी का नतीजा है कि एक बार फिर से बड़ा हादसा हो गया है।
हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने बताया कि राजू अग्रवाल दबंग आदमी है। प्रशासन में उसकी अच्छी पकड़ है। उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती थी। अपने हिसाब से फैक्ट्री का संचालन करता था। आज बैरागढ़ के लोगों का सब कुछ तबाह हो गया है। बताया जाता है कि कुछ समय पहले हरदा जिला प्रशासन ने इस फैक्ट्री को अनफिट बताकर सील कर दिया था। बाद में होशंगाबाद संभाग के कमिश्नर ने फैक्ट्री की लाइसेंस को बहाल कर दिया था। फैक्ट्री के आसपास रहने वाले अधिकांश लोग यही काम करते थे। उन लोगों ने कच्चा निर्माण कर रखा था।
राजू अग्रवाल की यह फैक्ट्री 20 साल से चल रही थी। बताया जा रहा है कि उसने आसपास के घरों में बारूद का अवैध भंडारण कर रखा था। वह प्रशासन की आंख में धूल झोंकने के लिए आसपास के घरों में अवैध भंडारण करता था। अवैध बारूद भंडारण ही हादसे की वजह हो सकता है।
सजायफ्ता है राजू अग्रवाल
प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके. मिश्रा ने हरदा में पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट के बाद आरोप लगाया है कि फैक्ट्री किसके राजनीतिक संरक्षण में चल रही थी, इससे पहले इसी फैक्ट्री में हुए विस्फोट के बाद फैक्ट्री मालिक राजू अग्रवाल और उसके एक अन्य साथी के खिलाफ हरदा के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार दक्षणी ने इन्हें धारा 5 (क) विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 के आरोप में 10-10 वर्षों का साधारण कारावास और 10-10 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया था।फैक्ट्री के संचालन पर सवाल उठाते हुए मिश्रा ने कहा कि अग्रवाल को सजा सुनाए जाने के बावजूद भी उक्त सजायाफ्ता इस फैक्ट्री का संचालन कैसे कर रहा था, यही नहीं इस फैक्ट्री के सालों तक लाइसेंस निलंबित होने के बावजूद भी उसके लाइसेंस का नवीनीकरण कौन राजनेता करवाता रहा?
बता दें कि हादसे के लगभग सात घंटे बाद जो तस्वीर सामने आ रही है, वह इस हादसे की भयावहता की कहानी कह रही है। हर तरफ मलबे का ढेर है, दोपहिया वाहन से लेकर चार पहिया वाहन तक कबाड़ हो गए हैं, खाने के डिब्बे से लेकर समोसा तक पड़ा है और कई स्थानों पर तो बिखरे नोट तक मिले हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है। जिस स्थान पर यह हादसा हुआ है, वहां सफाई के लिए लगभग एक दर्जन जेसीबी को लगाया गया है। यह मशीन मलबा हटाने में लगी है।
मगर, जगह-जगह धुआं उठता दिखाई पड़ रहा है। पटाखा फैक्ट्री के अलावा आसपास के कई मकान पूरी तरह जमींदोज़ हो चुके हैं। यह कोई नहीं बता पा रहा है कि इन स्थानों पर कितने लोग मौजूद थे। राहत और बचाव कार्य के दौरान जो लोग बचे हैं, उन्हें एंबुलेंस की मदद से इंदौर, भोपाल, खंडवा भेजा जा रहा है। हर तरफ डरावना मंज़र है, मलबे का ढेर है, धुएं का गुबार उठ रहा है, एंबुलेंस के सायरन की आवाज सुनाई दे रही है। जेसीबी मलबे हटाने में लगी है और लोग मलबे के ढेर में अपनों को खोज रहे हैं।
इधर, एसडीएम केसी परते ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि फैक्ट्री फिट नहीं थी, इसकी वजह से हादसा हुआ है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि एक महीने पहले जांच हुई थी। उस जांच रिपोर्ट में फैक्ट्री को फिट बताई गई थी। इसी वजह से फैक्ट्री चल रही थी। इसके बाद उसने कुछ गलत किया होगा, जिसकी वजह से हादसा हुआ है। मामले की जांच की जा रही है।

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